कार्यालय संवाददाता
नई दिल्ली। लेखिका अरुंधति रॉय ने कहा है कि वैसे तो लेखक अकेले ही चलते हैं लेकिन उनके ज्यादातर आलेख लोगों के दिलों से निकले हुए हैं। लेखिका का कहना है कि उनके प्रत्येक आलेख उन्हें ऐसी दुनिया में ले गए जिसने उनकी समझ को समृद्ध करने के साथ पेचीदा भी किया। द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स की लेखिका की नई किताब माय सेडिसियस हर्ट में उनके दो दशक के राजनीतिक आलेखों का संग्रह है जिसमें उन्होंने न्याय, अधिकार और आजादी के बारे में लिखा है। उन्होंने कहा कि उनकी कहानियों की किताब एकांत से आती है, वहीं इस किताब को लोगों के बीच रहकर लिखा है। रॉय की पहली किताब द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स को 1997 में बुकर पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने कहा, यह एक तरह से प्रशंसा के काबिल है लेकिन निराशाजनक भी है क्योंकि मैंने लोगों को दरिद्रता में जाते देखा है, मेरी किताबों की लाखों कॉपियां बिक रही थी। मेरे बैंक खाते में रुपये आ रहे थे। इतना धन मुझे संशय में डाल देता है। ऐसे समय में एक लेखक होने का वास्तविक मतलब क्या होता है? आलेखों की यह किताब पेंग्विन बुक्स ने प्रकाशित की है।
मेरी नई किताब लोगों के दिलों से निकली है: अरुंधति रॉय