अमर देव सिंह
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजारों में यह एक परफेक्ट शुक्रवार था। दिन के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 3% से अधिक की तेजी देखने को मिली। आज, आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति ने कोरोनावायरस की दवाई के तौर पर 'रीमेडिसविर' सामने आने की खबरों के साथ बाजार में सकारात्मक चिंगारी पैदा की। इसके अलावा भारत सरकार प्रोत्साहन पैकेज को अंतिम रूप दे रही है जिसकी घोषणा सप्ताहांत में कभी भी की जा सकती है। इन सभी घटनाओं ने बाजार के लिए बहुत आवश्यक गति उत्पन्न की और नकारात्मकता को पीछे छोड़ दिया।
कारोबारी घंटों के दौरान कुछ सबसे अच्छी खबरें आरबीआई से आईं। नियामक ने कोरोनोवायरस के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की और संबंधित मुद्दों पर आवश्यक स्पष्टता भी दी। इन उपायों में 50,000 करोड़ रुपए एलटीआरओ इंजेक्शन, रिवर्स रेपो दर में 25 बेसिस अंक की कटौती, और राज्यों के लिए वेज एंड मींस एडवांसेस (डब्ल्यूएमए) सीमा 60% तक बढ़ने की बातें शामिल हैं। यह भी स्पष्ट किया कि 90-दिवसीय एनपीए नॉर्म मॉरेटोरियम के तहत दिए गए क्रेडिट पर लागू नहीं होगा और अचल संपत्ति कंपनियों को दिए गए एनबीएफसी लोन पर भी शैड्यूल कमर्शियल बैंकों वाणिज्यिक बैंकों द्वारा प्राप्त लाभ बराबरी से दिए जाएंगे।
आरबीआई की घोषणा के बाद बैंकिंग, एनबीएफसी और रियल्टी सेग्मेंट में अच्छी रैली देखी गई। निफ्टी बैंक 6.61% बढ़कर बंद हुआ जबकि निफ्टी रियल्टी भी 3.59% उछला। दोनों सूचकांकों में शामिल 100% स्टॉक आगे बढ़ते दिखे। एसएंडपी बीएसई फाइनेंस में 98 स्टॉक आगे बढ़े और सिर्फ 12 में गिरावट देखी गईं। इंडेक्स के भीतर इक्विटास होल्डिंग्स 21.15%, जेएंडके बैंक 19.95% और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस ने 17.61% की बढ़त के साथ रैली की। रियल्टी सेगमेंट में, ओबेरॉय रियल्टी ने 13.05% की वृद्धि की, जबकि अन्य स्टॉक जैसे सोभा, इंडियाबुल्स आरई, एचडीआईएल, और सनटेक रियल्टी ने 4% और 5% के बीच उछाल मारी।
हमारी पड़ोसी अर्थव्यवस्था चीन और कोविड-19 के प्रकोप का एपिसेंटर की मैक्रो-इकोनॉमिक तस्वीर भी सामने आई। चीन की अर्थव्यवस्था भी कोरोनोवायरस-प्रेरित लॉकडाउन और प्रोडक्शन-हॉल्ट के प्रत्यक्ष प्रभाव के रूप में सिकुड़ गई। 1992 के बाद यह पहली बार है कि चीनी अर्थव्यवस्था ने नकारात्मक तिमाही वृद्धि दर दी है। जारी किए गए आंकड़ों ने संकेत दिया है कि वित्त वर्ष 2020 की अंतिम तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर में 6.8% गिरावट दर्ज की गई है।