- योगानंद शास्त्री की अनदेखी, कांग्रेस को पड़ सकती है मंहगी
- बेटी प्रियंका का नहीं है कोई जनाधार
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता योगानंद शास्त्री महरौली से टिकट न मिलने के चलते पार्टी से खफा है। उन्होंने दिल्ली प्रभारी पीसी चाको को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा देते वक्त उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा पर कार्यकर्ताओं को अपमानित करने का आरोप लगाया।
दूसरी ओर कांग्रेस ने योगानंद शास्त्री की बेटी प्रियंका सिंह चौटाला को आर के पुरम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। महरौली सीट पर अभी भी पेच फंसा हुआ है। पार्टी से जुड़ा एक धड़ा योगानंद शास्त्री को टिकट देने की पैरवी कर रहा है मगर सुभाष चोपड़ा सतवीर सिंह की उम्मीदवारी पर अड़े हुए हैं। वही बेटी प्रियंका चौटाला भी समझौता करने के मूड में नहीं है। पार्टी पिता पुत्री में से किसी एक को टिकट देने के पक्ष में है।
गौरतलब है कि इस सीट से विक्रांत टोकस और महिपाल सिंह मजबूत दावेदार थे मगर प्रियंका की उम्मीदवारी से इनके समर्थक भी हैरान है।
गौरतलब है कि डॉक्टर योगानंद शास्त्री दिल्ली की राजनीति में जाटों के बड़े नेता के रूप में भी जाने जाते हैं। शीला सरकार में बतौर मंत्री उनकी छवि बहुत साफ सुथरी थी। लेकिन पुत्री को टिकट देने की अपरिपक्वता कांग्रेस को मंहगी पड सकती है। बेटी प्रियंका सिंह चौटाला को सियासत का क, ख, ग भी नहीं आता। पार्टी प्रभारी पी सी चाको और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा पर लगता है कि ढलती उम्र का असर होने लगा है। दिल्ली विधानसभा की जिन सीटों को कांग्रेस जीत सकती थी उन सीटों पर सियासत के नौसिखिए पर पार्टी दांव खेल रही है।
अब देखना यह है कि सियासत कि बिसात पर पिता पर बेटी भारी पड़ती है या फिर बेटी के मोह में पिता निबटेंगे।
<no title>योगानंद शास्त्री का कांग्रेस से इस्तीफा, बेटी को बनाया पार्टी ने उम्मीदवार