झारखंड में 81 सीटों पर पांच चरणों में चुनाव के पीछे का क्या है गणित


उर्मिलेश
नई दिल्ली। झारखंड में हरियाणा से भी कम विधानसभा की 81 सीटें हैं। महज 81 पर भारत का महान् निर्वाचन आयोग पांच चरणों में वहां चुनाव कराएगा! 30 नवम्बर को पहले चरण का मतदान होगा और अंतिम चरण 20 दिसम्बर को। नतीजे आयेंगे 23 दिसम्बर को।



इतनी कम विधानसभा सीटों पर चुनाव आयोग क्यों पांच चरणों में चुनाव करा रहा  है। इसके पीछे चुनाव आयोग का क्या गणित है। यह समझ से परे है और शोध का विषय हो सकता है। दुनिया के किस लोकतांत्रिक देश के 81 सीटों वाले राज्य में पांच चरणों का चुनाव हुआ? कब और कहां हुआ? पर झारखंड में हो रहा है। क्या वजह है? हरियाणा और महाराष्ट्र से कोई खास सबक या तर्जुबा मिला है क्या? या फिर महाराष्ट्र की चुनावी दांवपेच के चलते ऐसा किया जा रहा है।
भाजपा की प्रांतीय सरकार के आधिकारिक आंकडों के मुताबिक झारखंड में अब कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है। उग्रवाद तथा नक्सलवाद आदि पर काबू पाया जा चुका है। 
फिर ये पांच चरणों में क्यों ? क्या आधार हैं, क्या तर्क हैं या सिर्फ सत्ता को खुश करके साबित करना चाहता है चुनाव आयोग कि मेरी मर्जी!