नई दिल्ली: नगरपालिका परिषद् द्वारा 'ईमानदारी-एक जीवन शैली' विषय पर सेमिनार आयोजित की गई। ईमानदारी मानव जीवन की एक मूलभूत प्रकृति है, यदि हम समाज के प्रति ईमानदारी पूर्वक व्यवहार नही करेगें तो वापसी में भी हमे व्यवहार में ईमानदारी नहीं मिलेगी। भ्रष्टाचार न केवल किसी तन्त्र या प्रणाली को नुकसान पहुॅंचाता है बल्कि वह अन्ततः समाज के गरीब वर्ग को ही अत्यंत नुकसान पहुॅंचाता है । भारत में बेईमानी हमारे विकास में सकल घरेलु उत्पाद दर का एक प्रतिशत कम कर देता है। हमारे यहॉं सम्पत्तियों की लागत अधिकतम होती जा रही है क्योंकि यहॉं ऊपरी स्तर का भ्रष्टाचार इस पर एक तरह का अतिरिक्त कराधान आरोपित कर देता है।
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यह विचार आज पूर्व राजनयिक एवं प्रसिद्द प्रश्नमंचों के प्रस्तुतकर्ता और प्रेरक प्रवक्ता, डॉं दीपक वोहरा ने प्रस्तुत किये, जब वें नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् द्वारा आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान एक सेमिनार में पालिका परिषद् कर्मचारियों और अधिकारियों को NDMC कन्वेंशन सेंटर में संबोधित कर रहे थें। डॉ.वोहरा ने 'ईमानदारी, विश्वास और भ्रष्टाचार' विषय पर अपनी प्रस्तुति देते हुए कहा कि सम्पूर्ण समाज भ्रष्टाचार और विश्वासघात के द्वारा प्रत्येक स्तर पर बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वास और ईमानदारी मानव का जन्मजात नैतिक मूल्य है, जिसे हमे दिन-प्रतिदिन के कार्यों में पोषित करते रहना चाहिए, यदि हमे भ्रष्टाचार मुक्त समाज की स्थापना करनी है।
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इस अवसर पर केन्द्रीय सर्तकता आयोग के मुख्य तकनीकी परीक्षक शैलेन्द्र सिंह ने पालिका परिषद् कर्मचारियों और अधिकारियों से विचार-विनिमय करते हुए पारदर्शी निविदा प्रक्रियागत विषयों और निर्दिष्ट मानकों की विस्तार से चर्चा की और निविदा के समस्त उपबन्धों को स्वतः स्पष्टकारी होने पर जोर दिया। उन्होंने स्वतः स्पष्टकारी उपबंधों को किसी भी कार्य के बिना देरी निष्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण बताया। शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकारी कार्यों के निष्पादन में देरी से न केवल उस कार्य की लागत में वृद्धि हो जाती है अपितु इसका दुष्प्रभाव समाज के हित पर भी होता है, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभूत नागरिक सुविधाओं के विषय शामिल होते है। उन्होंने कार्य निष्पादन में गुणवत्ता को भी महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके साथ किसी भी स्तर पर समझौता नही होना चाहिए अन्यथा इसका दुष्प्रभाव प्रयोगकर्ता पर होता है और कार्य का मूल उद्देश्य ही खत्म होता जाता है।
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नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के मुख्य सतर्कता अधिकारी संजय कुमार त्यागी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि ईमानदारी सबसे पहले तो हमारी आत्मा का विषय है उनके बाद ही कहीं कानून-व्यवस्था और किसी एंजेसी द्वारा इसे लागू करवाने का विषय बनता है। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन हमें भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने की हमारी प्रतिवद्धता को याद दिलाकर नवीनीकृत कर देता है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिवद्धता में जनता की सक्रिय भागीदारी और उनमें जनजागरण करना भी इस सप्ताह के अर्न्तगत एक महत्वपूर्ण कार्य है।
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त्यागी ने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह पालिका परिषद् द्वारा 28 अक्टूबर से 2 नवम्बर, 2019 तक मनाया जा रहा है। इस बार इसके विषय- ''ईमानदारी-एक जीवन शैली'' पर विद्यार्थियों, हितधारकों, कर्मचारियों तथा अधिकारियों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे है। उन्होंने बाताया कि ब्रिक्स राष्ट्र के सम्मेलन की घोषणा के अनुसार पालिका परिषद् ने अपने विद्यालयों में पोस्टर प्रतियोगिताओं का भी अयोजन किया है और उनमें से तीन चयनित पोस्टरों को मास्को स्थित ब्रिक्स सचिवालय में अन्तिम चयन के लिए भेजा गया है। इस अवसर पर शैलन्द्र सिंह ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा दिलाई और पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया।