एईएस मौतों के खिलाफ पदयात्रा निकालेंगे कुशवाहा

पटना (वेबवार्ता)। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में नीतीश कुमार सरकार पर एक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) फैलने से रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए रविवार को घोषणा की कि वह सबसे अधिक प्रभावित मुजफ्फरपुर जिले से इस सप्ताह बाद में एक पदयात्रा निकालेंगे। एईएस या चमकी बुखार से इस महीने के दौरान 150 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है। उन्होंने मुजफ्फरपुर का दौरा करने के एक दिन बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारी पदयात्रा का थीम नीतीश हटाओ, भविष्य बचाओ होगा। उल्लखनीय है कि मुजफ्फरपुर में एक जून के बाद से 134 बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि पदयात्रा दो जुलाई को मुजफ्फरपुर जिले से शुरू होगी और इसका समापन यहां छह जुलाई को होगा। कुशवाहा ने आरोप लगाया, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के तौर पर अगले वर्ष 15 वर्ष पूरे करेंगे। यदि उन्होंने राज्य के लोगों को मूलभूत स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने पर पर्याप्त ध्यान दिया होता, इतने बच्चों की मौत नहीं हुई होती। हमें यह भी लग रहा है कि उत्तरदायित्व दूसरे पर डालने का प्रयास किया जा रहा है ताकि कुमार जवाबदेह नहीं ठहराये जाएं। कुशवाहा के गठबंधन साझेदार जैसे राजद और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। जदयू के पूर्व नेता कुशवाहा ने 2013 में अपनी पार्टी बना ली थी। उन्होंने कहा, यह मेरी चिंता नहीं है कि कुमार पांडेय को अपनी कैबिनेट पद बरकरार रखते हैं या उन्हें हटा देते हैं। मेरा बिंदू यह है कि उन्होंने चुनाव अपने कैबिनेट सहयोगियों के नाम पर नहीं लड़ा था। वह सुशासन के अपने दावों के आधार पर जीते थे। अब तब उनके दावों का झूठ उजागर हो गया है, उन्हें आरोप स्वीकार करना चाहिए। रालोसपा ने राजग के एक सहयोगी के तौर पर शुरूआत की थी और 2014 में मोदी लहर में लड़ी सभी तीन सीटें जीत ली थीं। कुशवाहा को बाद में केंद्र में मंत्रिपद भी मिला था। कुशवाहा ने 2018 में तब भाजपा नीत गठबंधन छोड़ दी थी जब उन्हें परोक्ष रूप से केवल दो ही सीटों की पेशकश की गई थी ताकि कुमार के नेतृत्व वाली जदयू के लिए मार्ग प्रशस्त किया जा सके जो कि एक वर्ष पहले ही राजग में आयी थी। कुशवाहा तब महागठबंधन में शामिल हो गए थे जिसमें कांग्रेस, राजद, हम और निषाद नेता मुकेश साहनी की वीआईपी शामिल थी।