ठेकेदारों की हड़ताल से पद रहा है विकास कार्यों पर असर

मो. अनस सिद्दीकी
नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली नगर निगम में काम करने वाले ठेकेदारों द्वारा चल रही कामबंद हड़ताल की वजह से कई विकास के काम भी निगम में चल रहे थे, उन पर असर पड़ने लगा है। इसके चलते कई इलाकों में सड़कें व अस्पतालों में किया जा रहा काम बंद होता नजर आ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी नालों की गाद उठाने व निकालने को लेकर हो सकती है। ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही मांगें नहीं मानी गई तो वह सड़कों पर पड़ी नालों की गाद उठाना बंद कर देंगे।
इलाईट कांट्रेक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन चंद शर्मा ने बताया कि निगम द्वारा योजनाबद्ध का लगभग सौ करोड़ रुपया तथा गैर योजना मद का लगभग 120 करोड़ रुपया ठेकेदारों द्वारा किए गए विकास कायरे का निगम प्रशासन पर बकाया है। इसको लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारी कई बार आयुक्त, प्रमुख अभियंता व चीफ अकाउंट अधिकारी से लगातार पैसे दिलाने की मांग करते रहे, लेकिन अधिकारियों ने जब नहीं सुनी, तब मजबूरी में ठेकेदारों ने कामबंद हड़ताल करने का फैसला लिया है। दो दिनों से चल रही कामबंद हड़ताल की वजह से पूर्वी दिल्ली के कई अस्पतालों, स्कूलों व सड़कों के विकास कायरे के काम जो चल रहे थे, उन कामों को ठेकेदारों ने रोकना शुरू कर दिया है।
एसोसिएशन के अधिकारी विनोद चौधरी का कहना है कि अगर निगम द्वारा जल्द ही ठेकेदारों की पेमेंट व अन्य मांगों को लेकर फैसला नहीं किया गया तो अभी तक तो 70 प्रतिशत काम ठेकेदारों ने रोके हैं और सोमवार तक पूर्वी दिल्ली के सभी काम रोक दिए जाएंगे। ठेकेदारों की हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा असर नालों से निकलने वाली गाद व सड़कों पर पड़ी गाद उठाने को लेकर भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है।
ठेकेदारों का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर न तो नालों की गाद निकालेंगे और न ही सड़कों पर पड़ी गाद उठाएंगे। अगर यह मामला जल्द ही नहीं सुलझा तो जिन सड़कों पर नालों की गाद निकली पड़ी है या तो वह फिर से नालों में चली जाएगी और उस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा और मॉनसून से पहले जो निगम ने नालों की सफाई का काम 30 जून तक लक्ष्य रखा है, वह पूरा नहीं हो पाएगा। अभी भी हर्ष विहार, सबोली, सीमापुरी, राजबीर कॉलोनी, गीता कॉलोनी, कृष्णानगर, जगतपुरी समेत कई अन्य इलाकों में नालों की गाद निकलकर सड़कों पर पड़ी है।