दुर्गाशंकर प्रसाद मिश्रा
नई दिल्ली। निरंकारी भक्तों ने मिशन के चौथे गुरु बाबा हरदेव सिंह महाराज की पुण्यतिथि पर उनकी शिक्षाओं और आदर्शों को यादकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। हरदेव सिंह 13 मई, 2016 को साकार से निराकार में विलीन हो गए थे। इस समागम में दिल्ली तथा आस-पास के क्षेत्रों के अलावा देश के अन्य भागों से भी आए हुए हजारों श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया और अपने आपको इस मिशन को उन ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए पुनः समर्पित किया जहां बाबा हरदेव सिंह इसे देखना चाहते थे।
निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज ने बाबा हरदेव सिंह की याद में आयोजित समर्पण दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हर हाल में प्रभु पर भरोसा रखें। जीवन सुखमय हो या दुखमय, हमें इसे ईश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार करना चाहिए। मन में किसी प्रकार की शंका को उत्पन्न नहीं होने दें। निरंकार का सहारा सर्वोच्च है और हर समय सर्वोच्च मानकर दुनियां की हर वस्तु को उसके बाद ही महत्ता दें।
सद्गुरु माता ने कहा कि बाबा भी यही चाहते थे कि हम निरंकार पर इतना दृढ़ विश्वास रखें कि स्थिति हमें अच्छी मिल रही हो या बुरी, हम केवल निरंकार का धन्यवाद ही करें। उन्होंने कहा कि हम संतों का संग करें और निरंकार को अन्तिम नहीं बल्कि पहला सहारा ही बनाएं। जैसे बाबा ने चाहा हम हर समय इसका सुमिरण करें और इसे अपने मन से दूर न होने दें। इससे हमारे मनों के भाव निर्मल होंगे और हम सभी के साथ नम्रता पूर्वक व्यवहार करेंगे हमारे शब्दों में मिठास होगी। हम किसी भी विपरीत भाव को मन में नहीं आने देंगे। मानवता, भाईचारे, एकत्व तथा सद्भाव जैसे गुण हमारे कर्म से झलकने चाहिए।
सद्गुरु माता ने कहा कि जीवन में सुख-दुख तो लगा ही रहता है पर हम एक सहज भाव रखें अपने आपको डोलने न दें। उन्होंने कहा कि बाबा को सच्ची श्रद्धांजलि उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करने से होगी। बाबा हर एक भक्त को अपने परिवार से भी बढ़कर प्यार करते थे।
समागम के दौरान संत निरंकारी मण्डल के अध्यक्ष गोबिन्द सिंह, केंद्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के चेयरमैन खेमराज चड्ढा तथा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष परम पूज्य बहन बिन्दिया छाबड़ा ने बाबा के साथ बिताए समय को याद किया। उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन में मिशन के हर पहलू में विस्तार आया और उन्होंने प्रेम, नम्रता तथा सद्भाव की छाप हर उस व्यक्ति के मन पर छोड़ी, जिसने कहीं भी उनके दर्शन किये और उनसे बात करने का अवसर मिला।
इस अवसर पर निरंकारी स्टूडियो की ओर से एक डाक्यूमेंट्री दिखाई गई, जिसमें बाबा के प्रवचनों के अंश शामिल थे। वीडियो के द्वारा बाबा ने सत्संग के महत्व को विस्तारपूर्वक समझाया। इस दौरान बाबा के जीवन तथा शिक्षाओं पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें बाबा जी के बचपन से लेकर जीवन भर मानवता की सेवा के कार्य को दिखाया गया था।
निरंकारी भक्तों ने चौथे गुरु बाबा हरदेव सिंह को दी श्रद्धांजलि