जागरुकता के बावजूद दिल्ली में कम हुई वोटिंग

नाज सिद्दीकी
नई दिल्ली। दिल्ली में मतदान के मद्देनजर लोगों को जागरुक करने के लिए करीब 7 करोड़ रुपए खर्च किए गए। बावजूद इसके देश की राजधानी ने वोटिंग में उत्साह नहीं दिखाया। पिछली बार की तुलना में कम वोटिंग हुई। इस बार 60.21 पर्सेंट वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोटिंग नॉर्थ-ईस्ट सीट पर 63.45 पर्सेंट और सबसे कम वोटिंग नई दिल्ली में महज 56.47 पर्सेंट हुई।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचल अधिकारी डॉ. रणवीर सिंह ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि इस बार अच्छी वोटिंग रहेगी, लेकिन कुछ फैक्टर्स ने हमें मात दी है। एक तो पोलिंग डे संडे को था। इसकी वजह से लोगों ने वोटिंग नहीं की। हमें कई सुझाव मिले कि लोग इसी वजह से नहीं आए, क्योंकि संडे को काफी व्यस्त दिन रहता है। छुट्टियां और गर्मी होने की वजह से भी लोग हिल स्टेशनों पर चले गए। चुनाव अधिकारी ने कहा कि वीवीपैट में आई खराबी की वजह से वोटिंग टाइम बढ़ाने की काफी डिमांड थी, लेकिन वीवीपैट में खराबी का समय से कुछ लेना देना नहीं है। 6 बजे तक पोलिंग स्टेशन में एंट्री करने वाले वोटर्स को वोट डालने दिया जाता है। इसके अलावा, चांदनी चौक के एक बूथ से इंक उडने की शिकायत भी आई जिसकी पूरी जांच करवाई गई लेकिन यह शिकायत झूठी निकली। उन्होंने बताया कि करीब 8 पर्सेंट वीवीपैट में खराबी आई। 100 साल के वोटरों का उत्साह देखने लायक था। दिल्ली में ऐसे वोटर 96 हैं, जिनमें देर शाम तक 47 वोटिंग कर चुके थे। बिंदापुर बूथ पर वोटरों को टोकन दिया गया, ताकि वे सोफे पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करें। पिंक बूथ को भी बेहतरीन रिजल्ट मिले।