भाजपा सिख प्रकोष्ठ ने फूंका सेम राहुल गांधी का पुतला


नज सिद्दीकी
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर.पी सिंह एवं दिल्ली प्रदेश सिख प्रकोष्ठ के संयोजक सरदार कुलदीप सिंह के नेतृत्व में आज सिख प्रकोष्ठ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तुगलक रोड पुलिस स्टेशन पर एकत्र होकर 12 तुगलक लेन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर उनके सलाहकार सैम पित्रोदा के 1984 सिख दंगों को लेकर दिए गए बयान को लेकर रोष प्रदर्शन करते हुए राहुल गांधी और सैम पित्रोदा का पुतला फुंक कर अपनी आपत्ति दर्ज करायी। इस रोष प्रदर्शन में प्रदेश प्रवक्ता सरदार तजिन्द्र पाल सिंह बग्गा, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री सरदार इमप्रीत सिंह, सिख प्रकोष्ठ के प्रभारी सरदार कुलविंदर सिंह बन्टी, सह-संयोजक सरदार जसप्रीत सिंह माटा, सरदार जगदीप सिंह कोहली, सरदार मनप्रीत सिंह हंसपाल, सरदार कवलजीत सिंह धीर, प्रकोष्ठ सदस्य कुलजीत कौर, सरदार परमजीत सिंह मक्कड़, सरदार नरेन्द्र जीत सिंह एवं सैकड़ो की संख्या में सिख प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सरदार आरपी सिंह ने कहा कि सेम पित्रोदा का बयान कांग्रेस की सिखों के प्रति विचारधारा को उजागर करता है। कांग्रेस ने 34 सालों में कभी भी सिखों के न्याय दिलाने के लिए कुछ भी नहीं किया है। पहली बार न्याय दिलाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी ने पहल की नानावटी कमीशन का गठन करके सिखों को न्याय दिलाने की ओर कदम बढ़ाया और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एसआईटी का गठन किया जिसके जांच के बाद यशपाल और सज्जन कुमार को जेल हुई है। भाजपा सिखों को समुचित न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। सेम पित्रोदा का कहना कि 84 हुआ तो क्या हुआ एक घटिया मानसिकता का प्रतीक है और इसके लिए राहुल गांधी को समस्त सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। दिल्ली में हमारे हजारों सिख भाईयों को जिन्दा जलाया गया उन्हें घर से निकाल कर मारा गया और उस त्रासदी पर माफी मांगने की बजाय इस तरह के बयान से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सिखों की सबसे बड़ी दुश्मन है।
उपस्थित प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संयोजक सरदार कुलदीप सिंह ने कहा कि सिख समुदाय ने देश के लिए असंख्य कुर्बानिया दी है। कांग्रेस की सरकार ने सदैव सिख समुदाय का शोषण करने का काम किया है 1984 में हुए सिख नरसंहार को भूल पाना हमारे लिए किसी बहुत बड़ी पीड़ा से कम नहीं है हमारे हजारों सिख भाईयों की शाहदत को सारा सिख समाज आंसू बहाकर याद करता है और कांग्रेस द्वारा किये गये जुल्मों के न्याय के इन्तजार में आज भी है। 1984 में हुए नरसंहार के दोषीयों की ताजपोषी कर कांग्रेस ने यह साबित कर दिया है कि सिखों के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं है। कांग्रेस के सलाहकार सेम पित्रोदा के बयान की जितनी निन्दा की जाये वह कम है हम आज तक उस दर्द को याद कर सिहर उठते है और कांग्रेस पार्टी के नेता बार बार बयानबाजी कर उन जख्मों को हरा करने में लगे है।