सट्टा बाजार की माने तो गाजियाबाद से जीत रहे हैं भाजपा के जनरल

सुनील वर्मा
गाजियाबाद संसदीय सीट पर 11 अप्रैल को हुए मतदान के बाद राजनीति के जानकार भले ही मतदाताओं की चुप्पी के कारण परिणाम का आंकलन नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन चुनाव परिणाम को लेकर सट्टा बाजार के भाव बीजेपी के पक्ष में जा रहे है। वीआईपी सीट ग़ाज़ियाबाद को लेकर सट्टा बाजार पूरी तरह गर्म है जहां बीजेपी उम्मीदवार जनरल वी के सिंह की जीत को लेकर बोली लगाने वाले सबसे कम रेट लगा रहे हैं। वहीं, सुरेश बंसल पर जीत की बोली को लेकर सट्टेबाजों में असमंजस बना हुआ है। वीके सिंह के मुकाबले बंसल को अधिक रेट दिया जा रहा है, हालांकि रेट में बहुत ज्यादा अंतर नहीं दिख रहा है। कांग्रेस की डॉली शर्मा को लेकर सट्टेबाज सबसे ज्यादा रेट दे रहे है। इस सीट पर सट्टे की रेट का आकलन करें तो साफ हो रहा है गाजियाबाद से बीजेपी के जनरल वीके सिंह बहुत नहीं लेकिन थोड़े मार्जिन से जीत हासिल कर फिर से संसद में पहुंच रहे हैं। सट्टा बाजार के एक बड़े बुकी ने बताया कि गठबंधन प्रत्याशी की जीत में कांग्रेस की उम्मीदवार रोड़ा बन गई है। बहरहाल अगर सट्टा बाजार सही साबित हुआ तो गाजियाबाद की तरह यूपी के दूसरी लोकसभा सीटों पर भी ऐसे ही चुनाव परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
कैसे लगती है सट्टे की बोली
सट्टा बाजार में चुनाव परिणाम को लेकर केवल उन्हीं प्रत्याशियों के रेट अच्छे लगते हैं जो जीत के ज्यादा करीब होते हैं। जैसे-जैसे जीत की संभावनाएं कम होती जाती हैं, वैसे-वैसे रेट अधिक हो जाते हैं। जिले में चुनावी परिणाम को लेकर सट्टेबाजों ने 1 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के कोड वर्ड से सट्टा शुरू किया है। सही परिणाम आने पर उसी अनुपात में लाभ मिलता है। वहीं, अगर परिणाम सही नहीं आया तो लगाई गई बोली का 10 फीसदी कट जाता है।
क्या है प्रत्याशियों का सट्टा रेट
सट्टा बाजार में बीजेपी प्रत्याशी वी. के. सिंह का रेट 1 रुपये के मुकाबले 10 रुपये तक है। वहीं, सुरेश बंसल का रेट 15 रुपये तक लगाया जा रहा है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा पर सट्टा बाजार कोई खास उत्साहित नहीं है। हालांकि डॉली की जीत पर सट्टे का रेट 40 रुपये तक आंका गया है। सट्टे के जानकारों का कहना है कि अभी शुरुआत है, जैसे जैसे मतगणना का दिन नजदीक आएगा वैसे वैसे रेट में बदलाव होगा। साथ ही इसका ट्रेंड भी बदलेगा। जानकारों का कहना है कि सट्टा खिलाने वाले लोग अभी आंकड़ों और रुझानों की जानकारी ले रहे हैं।
दलित वोट तय करेंगे हार-जीत
मतदान के दूसरे दिन शुक्रवार को सभी प्रत्याशी अपनी हार-जीत की संभावनाओं को टटोलने के लिए विभिन्न विधानसभाओं क्षेत्रों में हुए मतदान के रुझान का आंकलन करते दिखे। खासकर बीजेपी, गठबंधन और कांग्रेस प्रत्याशी के रणनीतिकार सुबह ही प्रशासन की तरफ से तैयार किए गए वोटों के आंकड़ों को लेकर आंकलन करने में जुटे थे। बीजेपी के लोग जहां शहरी और पॉश कॉलोनियों के साथ धौलाना के साठा-चौरासी में वोटों के रुझान के आधार पर हार-जीत का गणित समझने में लगे थे। वहीं, गठबंधन से जुड़े लोग मुस्लिम, दलित, वैश्य और यादव बाहुल्य वोट बैंक का आंकलन करने में लगे थे। दूसरी तरफ कांग्रेस के रणनीतिकार का मुस्लिम के साथ ब्राह्मण और ट्रांस हिडन क्षेत्र के वोटों पर ध्यान केंद्रित दिखा। हालांकि सभी दलों के रणनीतिकार इस बार पर सहमत थे कि इस बार दलित वर्ग का वोट हार-जीत तय कर सकता है।