मो. अनस सिद्दीकी
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में दिल्ली की किसी एक सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की मांग करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखने वाले पूर्व विधायकों ने सोमवार को कहा कि उनकी यह मांग स्वीकार नहीं किए जाने से उन्हें कोई नाराजगी नहीं है और वे इस चुनाव में पूरी तरह से पार्टी के साथ खड़े हैं। हाल ही में राहुल गांधी को लिखे पत्र में पांच पूर्व विधायकों ने चांदनी चौक या उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीटों से किसी मुस्लिम नेता को उतारने की मांग की थी। इस पत्र पर चौधरी मतीन अहमद, शोएब इकबाल, हसन अहमद और आसिफ मोहम्मद खान के हस्ताक्षर थे। कांग्रेस ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी की छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल को टिकट दिया गया है। मुस्लिम उम्मीदवार की मांग नहीं माने जाने के बारे में पूछने पर चौधरी मतीन अहमद ने कहा, हमें कोई रंज नहीं है। हमने मांग की थी, लेकिन पार्टी ने स्वीकार नहीं किया। कोई बात नहीं। हम पूरी ताकत से कांग्रेस के साथ खड़े रहेंगे क्योंकि कांग्रेस रहेगी, तभी हम रहेंगे। उत्तर पूर्वी दिल्ली के तहत आने वाली मुस्तफाबाद सीट से विधायक रहे हसन अहमद इस बात से खुश हैं कि पार्टी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली से शीला दीक्षित जैसी धर्मनिरपेक्ष नेता को खड़ा किया है। अहमद ने कहा, हम चाहते थे कि उत्तर पूर्वी दिल्ली से किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया जाए, लेकिन अब शीला जी को टिकट दिया गया है तो हमें कोई शिकायत नहीं है। वह एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं। हम सब उनके साथ खड़े हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से टिकट देने के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन को नई दिल्ली, जेपी अग्रवाल को चांदनी चौक, राजेश लिलोठिया को उत्तर-पश्चिम दिल्ली, महाबल मिश्रा को पश्चिमी दिल्ली और अरविंदर सिंह लवली को पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया है।
मुस्लिम उम्मीदवार की मांग करने वाले पूर्व विधायकों ने कहाः कोई रंज नहीं, कांग्रेस के साथ खड़े हैं